ब्रह्मयुगम: हेलो दोस्तों आप लोगो का फिर से स्वागत है एक नयी कहानी के साथ जो आप को डराएगी भी और रोमांचित भी करेगी। ब्राह्युगम एक ऐसी कहानी है यहाँ लोग आते तो अपनी मर्जी है लेकिन वापस जाना नामुमकिन होता है। यहाँ के जाल में इंसान ऐसा फसता है की उसे खुद पता नहीं होता है की कितना समय गुजर चुका है। आइये जानते है कहानी के बारे में।
कहानी की शुरुआत:
फिल्म की कहानी की शुरुआत होती है 1700 शताब्दी के आस पास। दो युवक जिसका नाम थेवन और कोरा है। वो दोनों मालावर के जंगल में पुर्तगाली पुलिस से बच कर छिप जाते है और नदी पार करना चाहते है। रात हो चुकी होती है तो दोनों निश्चित करते है की वो रात जंगल में ही गुजरेंगे। आधी रात को थेवन की नींद टूटती है तो वो देखता है की कोरा उसके पास नहीं है। थेवन उसको ढूंढता है तो कोरा कुछ पास में ही खड़ा होता है और एक ही दिशा में सम्मोहित सा होकर एकटक देखता है। कोरा एक लड़की को देखता है जो बिना कपड़ो के होती है और खूबसूरत होती है। थेवन ये सब देख कर तुरंत समझ जाता है की वो लड़की कोई और नहीं यक्षणी है। थेवन, कोरा को होश में लाने की कोशिश करता है लेकिन वो यक्षिणी के डर से वह से भाग जाता है। यहाँ कोरा पूरी तरह से यक्षिणी के बस में हो जाता है और यक्षिणी के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने की भी कोशिश करता है लेकिन यक्षिणी कोरा को मार कर उसका खून पी जाती है।
अब थेवन क्या करेगा:
थेवन वहाँ से भाग जाता है और वह भूखा इधर उधर भटक रहा होता है। वो एक झरने के पास पहुँचता है। ये झरना बहुत विशाल होता है। इस झरने को पार करना नामुमकिन सा दिखता है। थेवन भटकते हुए एक पुरानी हवेली तक पहुँचता है। वहाँ पर उसे एक नारियल मिलता है और वो उसे खाने लगता है। तभी हवेली का एक आदमी उसे टोकता है तभी हवेली का एक मालिक भी आ जाता है और वो थेवन से बात करने लगता है। हवेली के मालिक का नाम कोडमल पोट्टी था और दूसरा आदमी उसका कुक है। ठेवण कहता है की वो बहुत भूखा है और खाने की तलाश में यहाँ तक आ गया है। थेवन एक पानंद था। पानंद का मतलब पुराने ज़माने में जो राजा के दरबार में संगीत गाते थे उन्हें पानन्द कहते थे। पोट्टी, थेवन को एक गाना सुनाने को कहता है और वो गाने लगता है। पोट्टी को उसका गाना पसंद आता है। पोट्टी उसको वह रुकने के लिए कहता है। पॉटी का कुक उसको खाने के लिए खाना देना है और कहता है की इस हवेली में दक्षिण दिशा की तरफ कभी मत जाना और वह से जो आवाजे आती है उन पर भी ध्यान न ही दे तो अच्छा है।
क्या थेवन अब फंस चुका है
थेवन पेट भर कर खाना खाता है और भगवान को धन्यवाद देता है। इस बात पर पोट्टी नाराज हो जाता है और वो कहता है कि खाना मैंने तुम्हें दिया है की भगवन ने। रात को थेवन देखता है की कुक किसी के लिए खाना लेकर जा रहा है और वहां कई सारे गड्ढे रहते है जिन्हे अब भर दिया गया था। वो वहाँ से भागता है तो उसे जंजीरो की आवाज सुनाई देती है। वो उस आवाज का पीछा करता है वो देखता है की एक कमरे में कोई है जो जंजीर से बंधा है और उसकी ही तरफ आ रहा है ये देख कर थेवन वहाँ से भाग जाता है। अगले दिन पोट्टी चौसर खेल रहा होता है। वो थेवन से कहता है खेल खेलने के लिए लेकिन थेवन कहता है की उसके पास दांव पर लगाने के लिए कुछ नहीं है।
पोट्टी कहता है की उसके पास समय है वो अपना समय लगा सकता है दांव पर। अगर वो जीता तो वो यहाँ से जा सकता है लेकिन अगर वो हारा तो उसे ज़िन्दगी भर यही रहना होगा। थेवन को ये स्वीकार नहीं था। पोट्टी उस से पांसे वापस मांगता है और जैसे ही वो पांसे वापस देता है पोट्टी हाथ हटा लेता है और पांसे चौसर पर गिर जाते है। पॉटी कहता है की अब तो तुमने अपना दांव चल दिया है। अब ये खेल तुम्हे खेलना होगा। यहाँ हम देखते है की पांसे पोट्टी के हिसाब से चलते है वो जितना अंक चाहता है उतना ही अंक आता है। पॉटी ये खेल जीत जाता है।
पोट्टी खाना खाने लगता है तो कुक थेवन से पोट्टी की बुराई करता है वो कहता है की जल्द ही पॉटी का असली चेहरा तुम्हारे सामने आ जायेगा। तभी पॉटी वह आ जाता है और वो थेवन को उसकी माँ और परिवार के बारे में बताने लगता है। पोट्टी के पास सब कुछ जानने की शक्ति थी। पोट्टी कहता है की कुक पहले भी मेरे एक सेवक को भड़का चूका है और वो सेवक मुझ से अजीब ब्यहार करने लगा था। इसलिए मेने उसे मार दिया और जो भी ऐसा करेगा में उसे भी मार दूंगा। हवेली ऐसे ही लोगों की लाशों से भरा है। ये सुनकर थेवन बहुत डर जाता है। इतने में ही कुक वहाँ आ जाता है और पॉटी कुक को भी बुरा भला बोलने लगता है। लेकिन कुक डरता नहीं है और जवाब देने लगता है। पोट्टी कुक का गला दबा कर ऊपर उठा देता है। कुक का दम घुटने लगता है। फिर पोट्टी उसको छोड़ देता है।
क्या थेवन बाहर निकल पायेगा:
डरा हुआ थेवन कुक के पास जाता है और उस से पूछता है की आखिर कोडीमल पोट्टी कौन है। तब कुक पोट्टी के बारे में बताता है। कुक बताता है की कोदुमल पोट्टी के परिवार में एक बहुत बड़े आचार्य थे। जो वराह देव की पूजा करते थे। एक दिन उन्होंने वराह देव को प्रसन्न कर लिया। वराह देव आचार्य को एक जादुई पेटी देते है जिस से सारी इच्छाएं पूरी होती है। उस पेटी के अंदर एक जिनी जैसा आदमी था उसे चट्टन कहते थे। चट्टन ही सारी मनोकामनाएं पूरी करता था। पोट्टी के परिवार वाले चट्टन को ही बंदी बना लेते है और उस से अपनी साडी इक्छाये पूरी करवाते है। चट्टन एक दिन अपना मुँह खोल के दिखाता है और कहता है की इसके अंदर तुमको नरक नजर आएगा। उसके बाद एक एक करके चट्टान परिवार वालो को मरने लगता है। चट्टन को रोकने और नियंत्रित करने बड़े बड़े विद्वान आते है। लेकिन कोई भी चट्टन को रोक नहीं पाता। अंत में उस परिवार का सदस्य आता है जो कोई और नहीं कोदुमल पोट्टी था। कोडीमल पॉटी का पता नहीं चलता की वह चट्टन को हरा पाता है या नहीं लेकिन वह आखिरी सदस्य ही बचता है उस हवेली में।
क्या पोट्टी का खात्मा हो पायेगा:
कुक बताता है की यहाँ से भागने का एक ही तरीका है वो है यहाँ का बेसमेंट। बेसमेंट में एक आदमी को दिखा ता है वो कोई नहीं कोडमल पॉटी है। असल में चट्टान कोदुमल पॉटी का रूप लेकर हवेली पर राज करता है और कोडमल पॉटी को जंजीरों से बांधकर रखता है। कुक बताता है की इस बेसमेंट एक तहखाना है जिसमे एक अखंड दीपक जल रहा है। जिसको अगर बुझा दिया तो चट्टन कमजोर हो जायेगा और थेवन वहां से निकल सकता है। लेकिन वो तहखाना बंद है और उसकी चाबी चट्टन के पास है। थेवन के पता करने पर पता चलता है की चाबी चट्टन अपनी कमर में बांध कर रखता है। कुक और थेवन मिल कर चट्टन को बहुत शराब पिला देते है और चाबी हासिल कर लेता है। कुक चाबी हासिल कर लेता है और तहखाने में जाकर दीपक बुझा देता है। अभी काम पूरा नहीं हुआ था। कुक कहता है की चट्टन को उस मैजिकल बॉक्स में बंद करना है। जिस में से वो बाहर निकला था।
थेवन और कुक दोनों मिल कर नकली पोट्टी यानि चट्टन पर हमला कर देते है। लेकिन अभी भी चट्टन अकेले ही दोनों पर भरी पड़ रहा था। हवेली सुकुड़ ने लगती है इतने में ही कुक चट्टन के हाथ से एक अंगूठी निकाल लेता है।
कुक चट्टन को आग लगा देता है। आग में पॉटी पूरी तरह जल जाता है और चट्टान उसके शरीर से बहार निकल आता है। चट्टन बहुत डरा हुआ होता है। अब कुक वो अंगूठी अपने हाथ में पहने ही वाला होता है तो थेवन उसको रोकता है की ऐसा मत करो नहीं तो अब पॉटी की जगह तुम होंगे और तुम भी अपने से कमजोर को प्रताड़ित करोगे और ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहेगा। लेकिन कुक एक सुनने को तैयार नहीं था। दोनों में लड़ाई होने लगती है।
तब तक हवेली पूरी तरह से जलने लगती है।
उसके बाद हम अगली सुबह देखते है की थेवन हवेली से बाहर निकल कर जा रहा है वो भी आसानी से। पीछे से कुक उस पर हमला कर देता है क्यों की थेवन के पास अंगूठी थी। कुक देखता है की थेवन थोड़ा अलग दिख रहा था, और उसके कान की बाली भी गायब थी। थेवन अब अजीब से व्यवहार कर रहा था। असल में ठेवण तो हवेली में ही दब कर मर चुका था। चट्टन अब थेवन का रूप ले चुका था। ये देख कर कुक वह से भागता है लेकिन पुर्तगाली सैनिक जो जंगल में गस्त लगा रहे होते है,उसको गोली मार देता है। अब चट्टन हवेली पर राज करता है और कहानी वही ख़तम हो जाती है।